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उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है
जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है
-वसीम बरेलवी
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं
हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं
-जिगर मुरादाबादी
हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें
वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं
-साहिर लुधियानवी
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
-बिस्मिल अज़ीमाबादी
जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं
वही दुनिया बदलते जा रहे हैं
-जिगर मुरादाबादी
वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमाँ
हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है
-बिस्मिल अज़ीमाबादी
लोग कहते हैं बदलता है ज़माना सब को
मर्द वो हैं जो ज़माने को बदल देते हैं
-अकबर इलाहाबादी
वाक़िफ़ कहाँ ज़माना हमारी उड़ान से
वो और थे जो हार गए आसमान से
-फ़हीम जोगापुरी
मेरे टूटे हौसले के पर निकलते देख कर
उस ने दीवारों को अपनी और ऊँचा कर दिया
-आदिल मंसूरी
अब हवाएँ ही करेंगी रौशनी का फ़ैसला
जिस दिए में जान होगी वो दिया रह जाएगा
-महशर बदायुनी
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही
हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए
-दुष्यंत कुमार
ये कह के दिल ने मिरे हौसले बढ़ाए हैं
ग़मों की धूप के आगे ख़ुशी के साए हैं
-माहिर-उल क़ादरी
लोग जिस हाल में मरने की दुआ करते हैं
मैं ने उस हाल में जीने की क़सम खाई है
-अमीर क़ज़लबाश
हार हो जाती है जब मान लिया जाता है
जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है
-शकील आज़मी
जहाँ पहुँच के क़दम डगमगाए हैं सब के
उसी मक़ाम से अब अपना रास्ता होगा
-आबिद अदीब
वक़्त की गर्दिशों का ग़म न करो
हौसले मुश्किलों में पलते हैं
-महफूजुर्रहमान आदिल
तुम्हें क्या जरूरत सजने और संवरने की,
तुम तो सादगी में भी कयामत लगती हो।
न लगाया करो हम पर आशिकी का इल्जाम बार-बार,
कभी खुद से भी पूछा है, इतनी सुंदर क्यों हो तुम
डर लगता है तुझे गौर से देखने में,
कहीं मेरी ही नजर न लग जाए तुम्हें।
तुझसे तेरी ही शिकायत करने आया था,
तुझे हंसता देख कर सब कुछ भूल गया।
ये लहराती जुल्फे, कजरारे नैन और होंठों पर मुस्कान लिए बैठे हो,
आज तो कत्ल बेशक होगा मेरा, सारे औजार जो लेकर बैठे हो
तुम्हारी तारीफ में बस यही कहना चाहूंगा कि तुम मुझे बेवजह भी बहुत पसंद हो।
यूँ तो पलट के देखना मेरी आदत नहीं है,
जब तुम्हे देखा तो लगा एक बार और देख लूँ
आपके दीदार को निकल आये हैं तारे,
आपकी खुसबू से छा गयी हैं बहारें।
आपके साथ दिखते हैं कुछ ऐसे नज़ारे,
कि छुप-छुप के चाँद भी आप ही को निहारे।
अच्छे लगे तुम सो हमने बता दिया,
नुकसान ये हुआ कि तुम मगरूर हो गए
हम तो फना हो गए उनकी आँखे देखकर,
ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे।
यह आईना क्या देगा उनके हुस्न की खबर,
मेरी आंखों से आकर वो पूछें कि कितने खूबसूरत हैं वो।
आपसे बात करते करते इतना खो जाते है
कि हमे वक़्त का भी पता भी नहीं चलता
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